Ramnagar Fort। रामनगर का किला।
रामनगर का किला उत्तर प्रदेश के
वाराणसी जिले में स्थित है यह गंगा नदी के तट पर तुलसी घाट के पास में है जिसका
निर्माण काशी नरेश राजा बलवंत सिंह ने1750 में करवाया था।
मुगल कला के अनुसार बनाया गया ये किला बलुआ पत्थर से बना हुआ है जो कि मिर्जापुर के चुनार से लाया गया था। हालांकि अब 1971 के बाद से काशी नरेश जैसे शाही शीर्षक को समाप्त कर दिया गया है। रामनगर का किला और इसका संग्रहाल अब बनारस के राजाओं का धरोहर हैं। दशहरे के त्यौहार पर यह किला बिल्कुल महल की तरह सजा दिया जाता है।
मुगल कला के अनुसार बनाया गया ये किला बलुआ पत्थर से बना हुआ है जो कि मिर्जापुर के चुनार से लाया गया था। हालांकि अब 1971 के बाद से काशी नरेश जैसे शाही शीर्षक को समाप्त कर दिया गया है। रामनगर का किला और इसका संग्रहाल अब बनारस के राजाओं का धरोहर हैं। दशहरे के त्यौहार पर यह किला बिल्कुल महल की तरह सजा दिया जाता है।
रामनगर का किला
की स्थिति :-
रामनगर का किला वाराणसी के रामनगर नगर
पालिका के अंतर्गत आता है यहां से वाराणसी का प्रसिद्ध BHU केवल 2
किलोमीटर ही दूर हैं। नेशनल हाईवे 2रामनगर के किले
से 2
किलोमीटर दूर है जो कि वाराणसी जिले के सबसे महत्वपूर्ण हाइवे में से एक है।
रामनगर का किला
की खासियत :-
किला cream color के बलुई पत्थरों से बना हुआ हैं, जो कि उत्तर प्रदेश के ही ज़िले मिर्जापुर के चुनार से लाया गया था। मुग़ल स्थापत्य कला के अनुसार बना इस किला में एक म्यूजियम भी हैं, जिसे सरस्वती भवन के नाम से जाना जाता हैं। किले में दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर और वेद व्यास मंदिर भी हैं। लेकिन राजा का व्यक्तिगत निवास स्थल पर्यटकों के लिए खुला हुआ नही हैं।
किले के अंदर मौजूद म्यूजियम में मुग़ल कालीन वस्तुएं, बहुत पुरानी बंदूकें, कुछ पुरानी अमेरिकन कारें, हाथी के दांत और बहुत पुरानी
किताबें रखी हुई हैं
किले में हैं एस्ट्रोनॉमिकल
घडी :-
किले में मौजूद एक बहुत ही विशेष चीज़
अपना ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं और वो चीज़ हैं वहाँ स्थित एक astronomical watch जो कि समय, दिन ,महीना,
साल और सूर्य और चंद्रमा की स्थिति भी बताता हैं।
रामनगर का किला
का इतिहास :-
महाभारत के समयकाल में वेद व्यास का
निवास था और वेद व्यास यहाँ तप किया करते थे। यही कारण हैं जो रामनगर को व्यास काशी भी कहते हैं।
हालाँकि रामनगर का किला अपने दशहरा के खास उत्सव के लिए प्रसिद्ध हैं। रामायण का पाठ और रामलीला यहाँ की बहुत ही प्रसिद्ध हैं
कौन सा मौसम हैं
सबसे अच्छा रामनगर का किला देखने के लिए :-
वैसे तो आप रामनगर का किला साल के किसी
भी समय में देखने आ सकते हैं। लेकिन अक्टूबर का महीने में यहाँ रामलीला का मंचन
होता हैं,
और अक्टूबर महीने में यहाँ का तापमान बहुत ही संतुलित रहता हैं। रामनगर का
किला अपने दशहरा त्यौहार के लिए प्रसिद्ध हैं। जनवरी और फरवरी का समय भी यह के लिए
प्रयुक्त हैं। इस मौसम में भी यहाँ कई त्यौहार मनाये जाते हैं। मानसून के मौसम में
यहाँ किला तक लोग नौका से आते हैं। दशाश्वमेघ घाट से रामनगर किला तक आने में 1 घंटा का समय लगता हैं।
Comments
Post a Comment