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Showing posts from August, 2018

कमल मंदिर का रोचक इतिहास | Lotus Temple History In Hindi

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कमल मंदिर   Lotus Temple   - भारत के नयी दिल्ली में है. इसका निर्माणकार्य 1986 में पूरा हुआ था. यह अपने फुल जैसे आकार के लिये प्रसिद्ध है.

इतिहास! दिल्ली के तुगलकाबाद किले का, Tughlaqabad Fort History

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तुगलकाबाद किला दिल्ली का ध्वस्त किया हुआ एक किला है। 6 किलोमीटर तक फैले इस किले का निर्माण तुगलक साम्राज्य के संस्थापक घैसुद्दीन ने 1321 में दिल्ली सल्तनत में करवाया था।

गागरोन किले का इतिहास, जिधर हजारों महिलाए ने यहाँ किया था सामूहिक जौहर

कौन से किले हैं जिन्हें इतिहास ने भुला दिया , क्या आप जानते हैं की राजपूतो का प्रमुख एतिहासिक किला कौन सा हैं , चित्तौड के बाद ऐसा कौन सा किला हैं जिसमे हजारो महिलाओं ने अपनी आन बाण शान की खातिर मुस्लिम आक्रमणकारियों से बचने के लिए सामूहिक जौहर किया ? भारत का ऐसा कौन सा एकमात्र किला हैं जिसकी कोई नींव नहीं है ? आपके इन्हें सैकड़ों सवालों के जवाब हैं हमारी आज की इस पोस्ट में: Gagron Fort History in Hindi :   दुनिया में सबसे अधिक किले और गढ़ यदि कहीं हैं तो वो राजस्थान में। राजस्थान के किसी भी हिस्से में चले जाइए , कोई न कोई दुर्ग या किला सीना ताने आपका इंतजार करता हुआ आपको दिख जाएगा। आज हम आपको एक ऐसे ही किले ‘ गागरोन ’ के बारे में बताएंगे। राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्थित यह किला चारों ओर से पानी से घिरा हुआ है। यही नहीं यह भारत का एकमात्र ऐसा किला है जिसकी नींव नहीं है। गागरोन का किला अपने गौरवमयी इतिहास के कारण भी जाना जाता है। सैकड़ों साल पहले जब यहां के शासक अचलदास खींची मालवा के शासक होशंग शाह से हार गए थे तो यहां की राजपूत महिलाओं ने खुद को दुश्मनों से बचाने के लिए ज...

रानी की वाव – पाटन (गुजरात) इतिहास | Rani ki vav patan (GUJARAT) history in Hindi

Rani ki vav  – रानी की वाव एक जटिलतापूर्वक बनायी गयी बावड़ी है , जो भारत में गुजरात के पाटन गाँव में स्थित है। यह बावड़ी सरस्वती नदी के किनारे पर स्थित है। रानी की वाव का निर्माण 11 वी शताब्दी में ए . डी . किंग की याद में बनायी गयी थी। 22 जून 2014 को इसे   यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट   में भी शामिल किया गया था। यह बावड़ी भूमिगत पानी स्त्रोतों से थोड़ी अलग है और प्राचीन समय में काफी समय पहले ही इसका निर्माण किया गया था। रानी की वाव मारू - गुर्जर ा आर्किटेक्चर स्टाइल में एक कॉम्प्लेक्स में बनाया था। इसके भीतर एक मंदिर और सीढियों की सात कतारे भी है जिसमे 500 से भी ज्यादा मुर्तिकलाओ का प्रदर्शन किया गया गया है। रानी की वाव – पाटन इतिहास – Rani ki vav patan history in Hindi रानी की वाव और राण-की वाव का निर्माण सोलंकी साम्राज्य के समय में किया गया था।प्राचीन मान्यताओ के अनुसार इसका निर्माण सोलंकी साम्राज्य के संस्थापकम मुलाराजा के बेटे भीमदेव प्रथम ( AD 1022 से 1063) की याद में 1050 AD में समय में उनकी विधवा पत्नी उदयामती ने बनवाया था , जिसे बाद में करणदेव प्रथम ने भी पू...

महाराष्ट्र का ऐसा किला जिसे कभी कोई नहीं जीत सका..जाने क्यों

अगर आपको ऐतिहासिक किले देखने का उनके बारे में जाने का शौक है तो आपको एक बार अपने जीवन में मुरुद - जंजीरा किला की सैर जरुर करनी चाहिए । य ह एक ऐसा किला है जिसे कभी कोई नहीं जीत सका। इस किले की बनावट ऐसी है कि इस पर कब्जे के लिए कई बार हमले हुए लेकिन कोई भी इस किले के अंदर घुस नहीं सका। मुरुद - जंजीरा किला महाराष्ट्र राज्य के रायगड जिले के तटीय गाँव मुरुड में स्थित है। यह भारत के पश्चिमी तट का एक मात्र किला हैं , जो की कभी भी जीता नहीं गया। यह किला 350 वर्ष पुराना है। अमर प्रेम की ऐतिहासिक निशानियाँ यह किला समुद्र तल से 90 फीट ऊंचा है। इसकी नींव 20 फीट गहरी है। यह किला सिद्दी जौहर द्वारा बनवाया गया था। इस किले का निर्माण 22 वर्षों में हुआ था। यह किला 22 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें 22 सुरक्षा चौकियां है। ब्रिटिश , पुर्तगाली , शिवाजी , कान्‍होजी आंग्रे , चिम्‍माजी अप्‍पा तथा शंभाजी ने इस किले को जीतने का काफी प्रयास किया था , लेकिन कोई सफल नहीं हो सका। इस किले में सिद्दिकी शासकों की कई तोपें अभी भी रखी हुई हैं। मुरुद - जंजीरा किला मुरुद - जंजीरा किला का निर्माण सिद्दी जौह...

पल्लिपुरम् किला | Pallipuram Fort

केरल का यह प्रसिद्ध पल्लिपुरम् किला –  Pallipuram Fort   काफी बड़ा किला है। बहुत सारे किले जमीन की सतह से बहुत बड़ी उचाई पर बनवाये जाते। मगर इस किले की सबसे गजब बात यह है की यह किला जमीन से काफी उचा नहीं। यह किला जमीन से केवल 5 फीट की उचाई पर स्थित है। इस किले की एक और खास बात यह है की इस किले में एक बडासा कुवा भी बनवाया गया है। ऐसा कहा जाता है की इस कुवे का जल काफी ठंडा रहता है। पल्लिपुरम् किले का इतिहास – Pallipuram Fort History शुरुवात में पोर्तुगीज इस किले को पेरियार से अरबी समदु तक जाने आनेवाले जहाजो पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल करते थे। इस किले के तहखाने में बारूद रखा जाता था। इस किले के नजदीक में लोगो के घर , चर्च , अस्पताल और अन्य महत्वपूर्ण इमारते भी पायी गयी है। सन 1662 में डच ने इस पल्लिपुरम् किले पर हमला कर दिया था और किले को खुद के कब्जे में ले लिया था। यह किला काफी महत्वपूर्ण जगह पर स्थित होने के कारण अन्य शासनकर्ताओ की भी कड़ी नजर इस किले पर थी। मैसूर के बादशाह भी इस किले को डच से खरीदना चाहते थे लेकिन उनके बिच में ईस्ट इंडिया कंपनी की दखलंदाजी की वज...

कोंडापल्ली किले का इतिहास | History of Kondapalli Fort

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Kondapalli Fort   –   कोंडापल्ली का ऐतिहासिक और प्रसिद्ध किला कोंडापल्ली शहर के पहाड़ी पर स्थित है इसलिए किले को कोंडापल्ली किल्ला नाम से भी जाना जाता है। किले के चारो तरफ़ से घना और हरा जंगल है।

चंद्रगिरी किले का इतिहास, आन्ध्र प्रदेश | Chandragiri Fort History

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Chandragiri Fort   – जब कोई भी किला बनाया जाता है तो उसके भी पीछे कुछ ना कुछ इतिहास या कुछ रोचक कहानी छिपी होती है चंद्रगिरी किले के पीछे भी कुछ ऐसा ही दिलचस्प इतिहास छुपा हुआ है।

राजमाची किला का इतिहास | Rajmachi Fort

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Rajmachi Fort  – राजमाची किला महाराष्ट्र के राजमाची गांव में पाए जाने वाले दो सुंदर प्राचीन किले हैं। यह किला ट्रेकिंग के लिए और पिकनिक के लिए एक प्रसिद्ध स्थल है। राजमाची गांव को उदवाडी भी कहा जाता है।

श्रीरंगपट्टनम किले के ऐतिहासिक इतिहास

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Srirangapatna Fort  – श्रीरंगपटना किला एक ऐतिहासिक किला है , जो दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य की ऐतिहासिक राजधानी श्रीरंगपटना में बना हुआ है। इसे 1454 में तिम्मंना नायक ने बनवाया था , टीपू सुल्तान के शासन के समय इस किले को सभी पहचानने लगे थे।

लौहगढ़ का किला इतिहास - भारत का एक मात्र अजेय दुर्ग, मिट्टी का यह किला तोपों पर पड़ा था भारी, 13 युद्धों में भी नहीं भेद पाए थे अंग्रेज

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राजस्थान के   भरतपुर जिले में स्तिथ ‘ लौहगढ़ के किले ’ को भारत का एक   मात्र अजेय दुर्ग कहा जाता है क्योंकि मिट्टी से बने   इस किले को कभी कोई नहीं जीत पाया यहाँ तक की अंग्रेज भी नहीं जिन्होंने इस किले पर 13 बार अपनी तोपों के   साथ   आक्रमण किया था।

अरब सागर में स्थित सिंधुदुर्ग किला का इतिहास | Sindhudurg Fort

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Sindhudurg Fort  – सिंधुदुर्ग किला एक ऐतिहासिक किला है जो अरब सागर में एक आटलेट पर स्थित है। यह किला महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के सिंधुदुर्ग जिले के मालवान शहर के किनारे पर स्थित है , जो कि मुंबई के 450 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।

शाही जूनागढ़ किले का इतिहास | Junagarh Fort History In Hindi

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Junagarh Fort   – जूनागढ़ किला भारत के राजस्थान राज्य के बीकानेर शहर में है। इस किले को वास्तव में चिंतामणि किले और बीकानेर किले – Bikaner Fort के   नाम से जाना जाता है और 20 वी शताब्दी के प्रारंभ में इसका नाम बदलकर जूनागढ़ रखा गया था

कूचबिहर पैलेस का इतिहास, पश्चिम बंगाल | Cooch Behar Palace

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Cooch Behar Palace  – कूचबिहर पैलेस जिसे विक्टर जुबली पैलेस भी कहा जाता है , यह पैलेस पश्चिम बंगाल के कूचबिहर शहरमें स्थित है। 1887 में महाराजा नृपेंद्र नारायण के शासनकाल के दौरान इसका निर्माण किया गया था।

हवा महल का इतिहास, जयपुर – Jaipur Hawa Mahal History In Hindi

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Hawa Mahal  – हवा महल भारत के जयपुर शहर में स्थित एक महल है। इसका नाम हवा महल इसलिये रखा गया क्योकि महल में महिलाओ के लिये ऊँची दीवारे बनी हुई है

इतिहास नाहरगढ़ किल्ले का | Nahargarh Fort History In Hindi

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नाहरगढ़ किला –  Nahargarh Fort   राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर के अरवल्ली पर्वत की उचाई पर बना हुआ है। शहर से इस किले को देखना निश्चित ही आनंदमयी और मनमोहक होता है.

किशनगढ़ किला का इतिहास, राजस्थान

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राजस्थान के जैसलमेर जिले के सरहदी क्षेत्र किशनगढ़ का ऐतिहासिक दुर्ग सरंक्षण के अभाव जर्जर हालत में पहुँच गया है , और सरकारी लापरवाही का शिकार होकर धीरे धीरे ढह रहा है।

शाही रोहतास किले का इतिहास | Rohtas Fort History

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Rohtas Fort  – रोहतास किला जैसा प्रसिद्ध किला कैमूर पहाड़ी के ऊपर के हिस्से में है। रोहतासगढ़ किला बिहार के रोहतास जिले में आता है। यह भारत के इतिहास के प्राचीन किलों में से एक हैं। जो देश की शान बढ़ाता हैं।

Ramnagar Fort। रामनगर का किला।

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रामनगर का किला :- रामनगर का किला उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित है यह गंगा नदी के तट पर तुलसी घाट के पास में है जिसका निर्माण काशी नरेश राजा बलवंत सिंह ने 1750 में करवाया था।

जौनपुर किला का इतिहास और वर्तमान

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जौनपुर शहर में गोमती तट पर स्थित इस दुर्ग का र्निमाण फिरोज शाह ने 1362 में कराया था।इस दुर्ग के भीतरी फाटक 26.5 फीट उंचा तथा 16 फीट चौड़ा है।